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₹7,500 Crore की ED Raid से हिला Anil Ambani Group, पर कैसे पकड़ा ED ने इतना बड़ा Fraud
ED ने किया Anil Ambani Group पर Raid. ₹7,500 Crore की संपत्ति को ED ने Anil Ambani से किया attached. पूरा मामला और आगे क्या हो सकता है, जानिए सिर्फ यहां Folks Vaani पर।
मुंबई और दिल्ली में Corporate sector की हवा बदल गई है, Enforcement Directorate (ED) ने Anil Ambani Group की संपत्तियों पर एक जबरदस्त छापेमारी की है। दावा किया जा रहा है कि कुल मिलाकर ₹7,500 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को वसूली योग्य माना गया है, और यह कार्रवाई सिर्फ एक पॉलिसी चेक नहीं, बल्कि एक Deep Money Laundering Network का खुलासा है।

पिछले हफ्ते ED ने Anil Ambani और उनकी कंपनियों से जुड़े लगभग 40 से ज्यादा Property, Residential, Commercial और भूमि तक, अटैच किए हैं। इनमें Pali Hill, Mumbai में उनका घर, Delhi का Reliance Centre, और Noida, Hyderabad, Chennai जैसे शहरों की जमीन और इमारतें शामिल हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि ED ने Navi Mumabi के Dhirubhai Ambani Knowledge City (DAKC) का भी बड़ा हिस्सा कब्जे में लिया है। यह वही 132 एकड़ का हिस्सा है, जिसकी कीमत लगभग ₹4,462.81 करोड़ बताई जा रही है। इस एक्शन के बाद कुल Attachment की value रिपोर्ट्स में ₹7,500 करोड़ से ऊपर पहुंच गई है।
ED का यह कदम सिर्फ संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई नहीं है, यह एक Money Laundering और Bank Fraud जांच का हिस्सा है। ED का आरोप है कि Anil Ambani की कंपनियों ने YES Bank से लिए गए करोड़ों रुपयों के लोन का गलत उपयोग किया।
ED के अनुसार, लाखों करोड़ रुपये के लोन को shell कंपनियों और जुड़े कारोबारियों के माध्यम से घुमाया गया था और एक बड़ा हिस्सा फिर से समूह के अंदर related parties में भेजा गया।
वहीं, रिपोर्ट्स कहती हैं कि कुछ लोन unnatural या incomplete documents पर मंजूर किए गए थे। ED ने यह भी कहा है कि बिल डिस्काउंटिंग (bill discounting) का इस्तेमाल फंड को एक कंपनी से दूसरी कंपनी में ट्रांसफर करने के लिए किया गया, जो उसने “Money Laundering का ज़रिया” कहा है।
Anil Ambani Group on ED Raid
Reliance Infrastructure, जो Anil Ambani ग्रुप का हिस्सा है, ने बयान जारी किया है कि ED की कार्रवाई व्यापार संचालन पर कोई फौरन असर नहीं डालेगी। उन्होंने यह भी कहा है कि Anil Ambani Group “कानूनी प्रक्रिया में पूरा समर्थन देगा”।
उनका यह कहना है कि Anil Ambani कंपनी के बोर्ड पर करीब 3.5 साल से नहीं हैं, यानी उनकी हिस्सेदारी और गतिविधियों का सीधा नियंत्रण सीमित हो सकता है।
कैसे पकड़ा ED ने इतना बड़ा Fraud
ED की यह कार्रवाई अचानक नहीं आई है। पिछले कुछ समय से Investors और Creditors को यह शक था कि Anil Ambani की कंपनियों ने लोन प्राप्त करने के बाद फंड को गलत रास्तों पर घुमाया है।
विशेष रूप से, Reliance Home Finance Ltd (RHFL) और Reliance Commercial Finance Ltd (RCFL) ने 2017-2019 के बीच बड़ी राशि YES Bank से उधार ली थी। ये रकम बाद में NPA (Non-Performing Asset) बन गई, और ED का मानना है कि इसका एक हिस्सा Shell कंपनियों में ट्रांसफर किया गया है।
यह जाल सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि Offshore Accounts तक फैला हुआ बताया गया है। पिछले कुछ रिपोर्ट्स में ED ने विदेशी लेन-देनों और FC (Foreign Currency) Transactions का भी पता लगाया है।
देश पर इसका असर
- Banking System पर झटका
अगर ED के आरोप सही साबित होते हैं, तो यह मामला बैंकों और Financial Institutions के लिए एक warning है कि किस तरह loan की समीक्षा और verification में बड़ी चूक हो सकती है। - Anil Ambani Group हिल सकता है
₹7,500 करोड़ का attachment सिर्फ एक financial burden ही नहीं, बल्कि उनके group के लिए बड़ा धक्का हो सकता है। - Legal जांच बढ़ेगी
अब यह जाँच सिर्फ ED तक सीमित नहीं रह सकती। SEBI, CBI या अन्य नियामकों की भूमिका भी बढ़ सकती है। साथ ही, Investors और Shareholders की बेचैनी भी बढ़ सकती है। - पब्लिक रिकवरी की गुंजाइश
ED की कोशिश यह भी हो सकती है कि ये Attached किए गए Properties भविष्य में बेचकर या अन्य तरीकों से रिकवर किए जाएँ, ताकि इसका कुछ हिस्सा सार्वजनिक हर्जाने के रूप में वापिस आ सके।
ED Raid on Anil Ambani Group FAQs
Q1: यह Raid कब हुई?
ED ने 31 अक्टूबर को Five Provisional Attachment Orders जारी किए, जिसमें Anil Ambani Group की लगभग 40 संपत्ति वाली सूचि शामिल है।
Q2: ED को यह case क्यों shocking लगा?
उनका आरोप है कि कुछ कंपनीयों ने YES Bank से लिए गए लोन को shell कंपनियों में ट्रांसफर किया, और वहां से समूह संबंधित units में लौटाया, मनी लॉन्ड्रिंग के संकेत मिले हैं।
Q3: क्या यह सब संपत्ति वसूली हो पाएगी?
लगभग ₹7,500 करोड़ की अटैचमेंट यह संकेत देती है कि ED बड़े स्तर पर रिकवरी की योजना बना सकती है, लेकिन यह उस पर निर्भर करेगा कि कानूनी प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ती है।
Q4: Anil Ambani का इस पर क्या जवाब है?
Reliance Infrastructure ने कहा है कि यह कार्रवाई उनके व्यवसाय पर तुरंत कोई बड़ा असर नहीं डालेगी, और उन्होंने कानूनी प्रक्रिया का समर्थन किया है।
Q5: पिछली जाँचों में क्या मिला है?
हाँ, पहले भी ED ने 2025 में कई परिसरों में छानबीन की थी, और CBI / अन्य एजेंसियों के भी मनी-लॉन्ड्रिंग और लोन फ्रॉड के आरोप सामने आ चुके हैं।
Folks Vaani Opinion
Folks Vaani मानता है कि यह सिर्फ एक आर्थिक विवाद नहीं है, यह भारतीय कॉरपोरेट व्यवस्था की नैतिक परीक्षा है। जब कोई इतना बड़ा उद्योगपति Money Laundering के आरोपों के घेरे में आ जाए, तो यह सिर्फ उनकी प्रतिष्ठा का सवाल नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की जवाबदेही का सवाल बन जाता है।
इस कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि वित्तीय अपराधों के खिलाफ नियम सिर्फ कागज़ पर नहीं हैं, उन्हें लागू भी किया जा रहा है। लेकिन यह शुरुआत है, ED, बैंकिंग सिस्टम और न्यायपालिका को अब यह दिखाना होगा कि VVIP के सामने भी कानून बराबरी से खड़ा है।
हम उम्मीद करते हैं कि यह जांच पारदर्शी हो, दोषियों को बढ़िया सज़ा मिले, और जो पैसे वसूले जाएं, उनमें से कुछ हिस्सा समाज को वापस हो, ताकि यह सिर्फ Anil Ambani ग्रुप का पेज न बने, बल्कि भारतीय वित्तीय न्याय की एक Restructuring भी बने।
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