Gukesh ने लिया भारत की बेइज़्ज़ती का बदला, Nakamura के “King throw” की हरकत से हुआ था विवाद

D. Gukesh ने Nakamura को हराकर भारत का बदला लिया। “King throw” विवाद के बाद यह जीत पूरे देश के लिए गर्व का पल बनी।

Chess की दुनिया में पिछले सप्ताह से एक ऐसी Controversial story गूंज रही है, जिसकी दिलचस्पी सिर्फ Chess की चालों में नहीं, बल्कि Emotions और Sports Spirit में भी है। जब D. Gukesh ने Hikaru Nakamura को हराया तो यह सिर्फ उनकी जीत नहीं है, बल्कि ये एक बदले की जीत है, एक ऐसे पल का हिसाब है जिसे पूरा भारत नहीं भूलेगा।

Gukesh VS Nakamura
AI generate image of D. Gukesh victory over Nakamura

ठीक कुछ समय पहले, जब Hikaru Nakamura ने इंदिरा अमेरिका भारत एक्सिबिशन (USA vs India) मैच में Gukesh को मात दी थी, तो उन्होंने जीत का जश्न एक बहुत ही विवादित अंदाज़ में मनाया था। उन्होंने Chess Board से Gukesh का “King” उठा कर दर्शकों की ओर फेंक दिया। ये Scene सबकी निगाहों में बस गया और Social Media Platforms पर नाराज़ी का तूफ़ान खड़ा हो गया।

कुछ Chess experts कह रहे थे कि ये सिर्फ शोरबाज़ी थी, लेकिन कईयों के लिए यह गहिरा अपमान था क्योंकि Chess में King सिर्फ एक गोटी नहीं है, वो Self respect का symbol है।

लेकिन अब सबकी नज़रें उस पल पर फिर से टिक गई हैं, क्योंकि Gukesh ने वही खिलाड़ी Nakamura को उसी बोर्ड पर मात दी है और इस जीत को लोग “Gukesh ओर भारत की बेइज़्ज़ती का बदले” की तरह देख रहे हैं।

बात शुरू होती है उस Event से जहाँ से ये विवाद शुरू हुआ था। जैसा कि बाद में सामने आया, कि वो “King throw” कोई अचानक गुस्से की हरकत नहीं थी, ये पहले से Pre Plan कर के की गई हरकत थी। India Today Backstage के videos में organizers को यह निर्देश देते सुना गया था “अगर तुम जीत जाओ, तो Gukesh के King को दर्शकों की ओर फेंको, नाटक बढ़ाओ।”

Nakamura ने खुद इसकी सफाई दी है, Firstpost की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि ये एक Entertainment Event था, और उन्हें शुरू से ही बताया गया था कि उन्हें over excited होकर celebrate करना है। उन्होंने यहाँ तक कहा कि अगर Gukesh अगली बार जीत जाए, तो Bollywood म्यूज़िक बजे और वो डांस करे।

क्या ये सब सिर्फ एंटरटेनमेंट था। Levy Rozman ने दावा किया कि दोनों Teams को over excited होकर celebrate करने को कहा गया था, किंग फेंकना, नाटक करना, ताकि दर्शकों को मज़ा आए।

लेकिन Chess की दुनिया, और खासकर भारतीय फैंस को ये बात अच्छी नहीं लगी। Vladimir Kramnik, पूर्व वर्ल्ड चैम्पियन, ने Nakamura की हरकत को “Childish”, “गंभीर खेल के लिए असम्मानजनक” कहा। Social Media Platforms पर भी बावल माचा, Reddit और X (Twitter) पर जहां कुछ लोग कह रहे थे कि ये सब सिर्फ मज़ाक था, वहीं दूसरे बोल रहे थे कि खिलाड़ी का सम्मान बना रहना चाहिए।

लेकिन जो असली मोड़ आया, वो तब था जब Gukesh ने अपनी मर्यादा के साथ जवाब दिया। हाल ही की एक Classical Game में, उन्होंने Nakamura को मात दी, और जीत के बाद उन्होंने Nakamura की तरीके से राजा को दर्शकों की ओर नहीं फेंका। बजाय इसके, उन्होंने शांतिपूर्वक बोर्ड को फिर से सेट किया, जैसा कि Chess के शिष्टाचार में होता है।

ये बात सिर्फ जीत की नहीं, बल्कि इज़्जत और आत्म-सम्मान की था। Gukesh की यह हरकत उस पुरानी हरकत की सूनामी जैसी पलटवार बन गई,और चेस Chess प्रेमियों की आँखों में यह एक बड़ी जीत से कम नहीं थी।

Social Media Reactions

Social Meida Platforms पर लोग खुशी और गर्व के साथ इसे “Gukesh का बदला”, “King Returns”, और “Chess की असली शान” जैसे टैग दे रहे हैं।

Reddit पर एक यूज़र ने बहुत सही बात कही:

“इन्हे नाटक नहीं चाहिए था, लेकिन Gukesh ने जो जवाब दिया, वो बहुत ज्यादा था बिना शोर, बिना ड्रामा, सिर्फ चालों से।”

इस जीत के बाद, “Gukesh beats Nakamura” यह एक स्टेटमेंट बन गया है, Chess lover के लिए, India के लिए, और उन सभी युवाओं के लिए जो मानते हैं कि सम्मान और मेहनत से ही महानता आती है, न कि शोर-शराबे से।

Gukesh VS Nakamura FAQs

Q1: Gukesh की यह जीत कब हुई?
यह वो मैच है जिसमें Gukesh ने Nakamura को मात दी, जो पहले उनके खिलाफ नाटकीय हरा कर उनके राजा को दर्शकों में फेंकने वाली घटना की प्रतिशोध-मोहिम की तरह माना जा रहा है। (Exact tournament details अलग-अलग रिपोर्ट्स में बताई गई हैं।)

Q2: क्या Nakamura की King फेंकने की हरकत सच में अपमानजनक थी?
बहुत से लोग इसे अपमान की तरह देख रहे हैं, लेकिन Nakamura का कहना है कि यह इवेंट थिएट्रिकल था, और आयोजकों ने इसे शो-पार्ट के लिए कहा था।

Q3: क्या Gukesh ने उसी तरीके से जवाब दिया?
नहीं। Gukesh ने जीत के बाद शांतिपूर्वक बोर्ड को फिर से सजाया और राजा को दिखाने या फेंकने की बजाय खेल की मर्यादा के साथ पेश आए।

Q4: Chess समुदाय का इस पर क्या रिएक्शन है?
प्रमुख खिलाड़ियों जैसे Vladimir Kramnik ने कड़ी टीका की है, जबकि कुछ फैंस लोगों का कहना है कि यह सिर्फ मनोरंजन का हिस्सा था। सोशल मीडिया पर भावनाएं दोनों दिशाओं में हैं।

Q5: क्या यह खिताबी मैच था या सिर्फ exhibition?
यह घटना Checkmate: USA vs India नामक एक exhibition-format इवेंट में हुई थी, न कि क्लासिक चैंपियनशिप।

Folks Vaani Opinion

Folks Vaani की नज़र में, Gukesh की यह सिर्फ एक Chess match की जीत नहीं है। यह मान-मर्यादा, आत्म-सम्मान और खेल की असली आत्मा की जीत है। Nakamura की नाटकीय हरकत ने एक बड़ा विवाद खड़ा किया, लेकिन Gukesh का शांतिपूर्ण जवाब और उसकी रणनीति ने उसे न सिर्फ बोर्ड पर, बल्कि दिलों में भी जीत दिलाई है।

भारत के युवा चेस खिलाड़ियों और चेस फैंस के लिए यह एक सबक है, शोबाज़ी से बहुत बड़ी चीज है… आपकी चाल, आपका आत्म-बल, और आपका सम्मान। Gukesh ने वो सब दिखाया जो सिर्फ एक चैंपियन के पास होता है। नाटक नहीं, लेकिन जीत… शोर नहीं, लेकिन असर।

यह जीत एक शुरुआत हो सकती है, एक उस पथ की जिसे Gukesh अपनी खिली हुई प्रतिभा, संयम और आत्म-मूल्यों के साथ आगे बढ़ाएगा। हम Folks Vaani पर पूरी उम्मीद रखते हैं कि वो आगे भी हमें ऐसे ही गर्व के और पल देंगे।

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Jitendra Prasad

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