17 बच्चों को किया Kidnap फिर पैसे के बजाए Kidnapper ने की ये अजीबो गरीब Demand – Powai Kidnapping Case

Mumbai के Powai में, जहाँ एक शख्स ने 17 बच्चों को Kidnap किया और फिर पैसों की नहीं बल्कि अजीबोगरीब माँग रखी। पुलिस ने बहादुरी से सभी बच्चों को सकुशल बचाया।  पूरा मामला यहां Folks Vaani पर जानें।

Mumbai के Powai इलाके में Powai Kidnapping Case सामने आया है, जिसने हर किसी की रूह हिला दी है, 17 बच्चों को एक Acting Institute में Kidnap किया। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि Kidnapper की demand पैसे नहीं, बल्कि “Moral और Ethical question” था।

यह घटना Mahavir Classic Building के RA Studio में हुई, जहां बच्चों को audition के नाम पर बुलाया गया था। India Today की रिपोर्ट के मुताबिक, 30 अक्टूबर की दोपहर पुलिस को Powai से Phone Call आया कि स्टूडियो में कुछ गड़बड़ है। Phone Call के बाद, Mumbai Police, Quick Response Team (QRT), Fire Brigade और Bomb Disposal Squad तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे।

घटना का मुख्य आरोपी है रोहित आर्य (Rohit Arya), जो RA Studio में काम करता था और YouTube Channel भी चलाता था। कई परिवारों ने बताया कि वह पिछले दिनों कई Audition आयोजित कर रहा था, और बच्चे-माता-पिता वहाँ acting के मौके के रूप में जानते थे।

लेकिन अचानक ऑडिशन जैसा माहौल बच्चों की kidnapping में बदल गया। रोहित आर्य ने करीब 17 बच्चों (ख़बरों के मुताबिक उनकी उम्र लगभग 15 साल) और दो अन्य लोगों, एक बुजुर्ग नागरिक और एक अन्य वयस्क को बंद कमरे में रखा।

उसने धमकी दी कि यदि उसकी डिमांड नहीं मानी गई, तो वह कमरे को आग लगाकर खुद को और बच्चों को नुकसान पहुंचा सकता है। FIR में कहा गया है कि उसने स्टूडियो में पेट्रोल और रबर सल्यूशन छिड़क रखा था और एक गन दिखाई दी थी।

पुलिस बातचीत करने की कोशिश करती रही, लेकिन वार्ता सफल नहीं हुई। अंत में, पुलिस ने एक बहादुर ऑपरेशन किया, Mumbai Police ने बाथरूम की खिड़की तोड़कर अंदर प्रवेश किया। वहां, उन्होंने देखा कि बच्चों में डर साफ झलक रहा है और camera light, audition setup की चीजें इधर-उधर पड़ी हैं।

पुलिस द्वारा जब दखल किया गया, तो Kidnapper रोहित आर्य ने कथित रूप से फायर किया। पुलिस ने जवाबी गोली चलाई, और उसे सीने में गंभीर चोट लगी। उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बाद में उसकी मौत हो गई।

जब धमकी देने से पहले पुलिस और जनता ने उसके वीडियो को देखा, तो उसमें उसने अपनी मांगों को पैसे के रूप में नहीं रखा था। उसके मुताबिक, उसकी माँगें Moral and Ethical थीं। उसने कहा था कि वह कुछ “लोगों” से बात करना चाहता है, कुछ सवाल पूछना चाहता है।

कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि रोहित आर्य ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि उसे यह महसूस होता था कि उसे कुछ अधिकारियों द्वारा धोखा दिया गया था, वह आरोप लगाता था कि उसे उसकी मेहनत का भुगतान नहीं मिला था।

जब पुलिस ने स्टूडियो में तलाश की, तो उन्हें एयर गन, केमिकल्स और एक लाइटर मिला। ये सब उसके खतरनाक इरादों का पर्दाफाश करते हैं। बच्चों को सकुशल बचा लिया गया। उनकी सुरक्षा की पुष्टि की गई और उन्हें पालकों के सुपुर्द कर दिया गया।

पुलिस और अधिकारियों का कहना है कि रोहित आर्य मानसिक रूप से अस्थिर हो सकता था। उसकी पृष्ठभूमि की जांच की जा रही है, उसकी YouTube एक्टिविटी, उसकी पुरानी सरकारी मांगें, और यह कि उसके प्रश्न वास्तव में किससे जुड़े थे।

यह पूरा मामला न सिर्फ पुलिस सुरक्षा की परीक्षा है, बल्कि समाज के उन कमजोर बिंदुओं की भी पड़ताल करता है जहाँ आशा और भटकाव के बीच फर्क बहुत पतला हो जाता है।


Powai Kidnapping की वजह — पैसे नहीं, बल्कि सम्मान और अपने हक की लड़ाई

Powai Kidnapping Case में आरोपी रोहित आर्या कोई अचानक पागल हुआ इंसान नहीं था। उसकी ये हरकत — 17 बच्चों और 2 बड़ों को पवई के एक छोटे से स्टूडियो में बंधक बनाना — दरअसल एक लंबे वक्त से उसके अंदर पल रहे गुस्से, बेइज़्ज़ती और सिस्टम से निराशा का नतीजा थी। आर्या खुद को “Social Entrepreneur” और “Let’s Change” नाम के एक स्कूल लेवल सिविक प्रोग्राम का संस्थापक (Founder) बताता था। उसका दावा था कि उसने सालों तक बच्चों को सफाई, समाज और नैतिकता से जुड़े कार्यों में जागरूक किया, लेकिन उसे कभी उसका सही श्रेय या पहचान नहीं मिली।

यही थी इस पूरे Powai Kidnapping Case की असली जड़। खबरों के मुताबिक, आर्या ने शिक्षा विभाग और कुछ निजी स्कूलों के साथ मिलकर एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था। लेकिन जैसे ही प्रोजेक्ट आगे बढ़ा, प्रशासनिक दिक्कतें, फंडिंग की कमी और क्रेडिट के झगड़े शुरू हो गए। आर्या का मानना था कि उसकी मेहनत और प्रोजेक्ट का क्रेडिट किसी और ने ले लिया, जिससे उसे न तो पैसा मिला, न सम्मान। धीरे-धीरे उसके अंदर सिस्टम से बदले और अपने हक की लड़ाई की भावना बढ़ती गई।

मामले की जांच में यह भी सामने आया कि रोहित आर्या महाराष्ट्र के पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर (Deepak Kesarkar) के बारे में कुछ खुलासे करना चाहता था। उसका कहना था कि शिक्षा विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार और प्रोजेक्ट के गलत इस्तेमाल पर कोई बात नहीं कर रहा है, और उसकी आवाज़ को दबाया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आर्या ने पहले भी कई बार सोशल मीडिया और ईमेल के ज़रिए अपने प्रोजेक्ट और शिक्षा विभाग से जुड़े मुद्दों पर ध्यान दिलाने की कोशिश की थी, लेकिन जब उसकी बात नहीं सुनी गई, तो उसने खुद सबके सामने “सिस्टम का सच” रखने का निश्चय किया।

उसी गुस्से और “अपना सच सबके सामने रखने” की चाह में उसने ये खतरनाक कदम उठाया। बच्चों को ऑडिशन के नाम पर स्टूडियो में बुलाया, दरवाज़े बंद किए, और कैमरे के सामने खड़ा होकर एक वीडियो रिकॉर्ड किया — जिसमें उसने कहा:

“मैं आतंकवादी नहीं हूं, मुझे पैसे नहीं चाहिए। मुझे सिर्फ़ जवाब चाहिए, मुझे इंसाफ चाहिए।”

रोहित आर्या का कहना था कि उसका ये कदम किसी से बदला लेने के लिए नहीं था, बल्कि “सिस्टम को आईना दिखाने” के लिए था। लेकिन यही कोशिश एक खतरनाक जुनून में बदल गई — और मामला किडनैपिंग और पुलिस एक्शन तक जा पहुंचा।

आख़िर में पुलिस ने सभी बच्चों को सुरक्षित बचा लिया, लेकिन रोहित आर्या की मौत हो गई। पीछे रह गए कई सवाल — क्या सिस्टम में आम आदमी की आवाज़ इतनी कमजोर हो चुकी है कि लोग इंसाफ और सम्मान के लिए अपनी जान दांव पर लगा देते हैं? क्या सम्मान की तलाश कभी इतना बड़ा अपराध बन सकती है?

Social Media Reactions

  • Reddit पर यूज़र्स कह रहे हैं कि रोहित आर्य की मांगे “सिस्टम के सवाल” थीं, न कि सिर्फ डरपोकुढ़ धमकी: “He said he has moral demands, not money. But why did he touch the kids then?” Reddit
  • कुछ लोग मान रहे हैं कि पुलिस की कार्रवाई उचित थी क्योंकि बच्चों की जान जोखिम में थी; कुछ पूछ रहे हैं कि क्या रोहित आर्य को सुरक्षित तरीके से सुनना चाहिए था। Reddit

Powai Kidnapping Case FAQs

Q1: यह किडनैपिंग कब और कैसे शुरू हुई?
यह घटना 30 अक्टूबर 2025 को Powai के R A स्टूडियो में शुरू हुई। आर्य ने ऑडिशन के नाम पर बच्चों को बुलाया और फिर उन्हें बंद कमरे में बंद कर लिया।

Q2: Kidnapper रोहित आर्य कौन था?
रोहित आर्य स्टूडियो कर्मचारी था और यूटूबर भी था। उसने दावा किया कि उसकी माँगें “मोरल और एथिकल” हैं, और वह पैसे नहीं मांग रहा था।

Q3: उसने बच्चों से क्या मांगा था?
उसका कहना था कि वह कुछ लोगों से सवाल पूछना चाहता है, जवाब पाना चाहता है। उसने बताया कि उसका उद्देश्य “संवाद” था — न कि बड़ी आर्थिक मांगें।

Q4: पुलिस ने कैसे बचाया बच्चों को?
पुलिस ऑपरेशन लगभग तीन घंटे बाद हुआ। उन्होंने बाथरूम खिड़की के जरिए अंदर प्रवेश किया और बच्चों को मुक्त किया।

Q5: Kidnapper की मौत क्यों हुई?
पुलिस दखल के वक्त आर्य ने कथित रूप से फायर किया, और पुलिस ने प्रतिक्रिया स्वरूप गोली चलाई। उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन बाद में उनकी मौत हो गई।

Folks Vaani Opinion

Folks Vaani की नज़र में Powai Kidnapping Case सिर्फ एक डरावनी कहानी नहीं है, बल्कि एक गहरा संदेश है, कि फुसल-फुसलाती आशाएं और न जाने क्यों बढ़ती निराशा कभी-कभी खतरनाक मोड़ ले सकती हैं। आज के दौर में, जहाँ माता-पिता अपने बच्चों के “बड़े सपनों” को लेकर उत्साहित हैं, उन्हें यह भी देखना होगा कि उन सपनों के पीछे कौन सी नीयत है।

राजनीति, सिस्टम और वक्त की बेरुखी ने अगर किसी को सवाल पूछने का डर पैदा कर दिया है, तो वह सवाल भी सुनने लायक होना चाहिए। मगर, बच्चों के जीवन को दांव पर लगाना, वह अपराध है जिसे समाज कभी क्षमा नहीं कर सकता। इस घटना ने हमें याद दिलाया है कि सोशल ट्रस्ट, सिस्टम की जवाबदेही और बच्चों की सुरक्षा, ये तीनों बहुत नाज़ुक धागों से जुड़े हैं।

Folks Vaani यह अपील करता है कि ऐसी घटनाओं की जड़ तक पहुंचने के लिए गहन जांच होनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई और बच्चा न‍हीं फंसे किसी “ऑडिशन” या “असहमति” के नाम पर। और साथ ही, हमें यह याद रखना चाहिए: सवाल पूछना ज़रूरी है, लेकिन हिंसा कभी सही जवाब नहीं होता।

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Jitendra Prasad

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